Natural Disaster Essay In Hindi- Causes, Types & More

हेलो दोस्तों, आपका StudyDev में स्वागत है। आज हम आपको Natural Disaster Essay In Hindi के बारे में बताने वाले है। हम आपको कुदरती करोपि की सारी जानकारी देने वाले है। जिसमे हम आपको इसकी किस्मों के बारे, यह कैसे होता है और इसे कैसे रोका जा सकता है। यह भारत में किस किस जगह पर जयादा पाया जाता है।

नेचुरल डिजास्टर एक ऐसी प्रकिर्या है जो कभी भी आ सकती है और यह हमें कभी भी कुछ बताकर नहीं होती है। यह सब कुछ वातावरण पर निर्भर करता है। कि हम पर्यावरण को किस तरह से रख रहे है। अगर कोई भी आदमी प्रकिरती से कोई हलचल करता है तो ऐसी आफत आना संभव है।तो आइये जानते है कुदरती हलचल के बारे में।

प्राकृतिक आपदा पर निबंध-प्राकृतिक आपदा क्या है?

नेचुरल डिजास्टर को हम ऐसे समझ सकते है, यह एक ऐसी अनचाही घटना होती है जो के बिना बताए घटती है। यह मनुष्य जीवन के इलावा कुदरती संपत्ति को भी नुकसान देती है। कुदरती करोपी, एक ऐसी घटना  जो कि आर्थिक जीवन, मनुष्य जीवन और सेहत का नुकसान करती है। यह क्रोपियाँ दो तरह की हो सकती है। एक तो मनुष्य द्वारा और दूसरी कुदरत के द्वारा।

कुदरती आफत – यह कुदरत के द्वारा ही पैदा होती है, इस पर हमारा कोई भी कंट्रोल नहीं होता। यह कुदरत अपने अनुसार पैदा और कण्ट्रोल करता है। इसे हम कुदरती करोपी कह सकते है। इसमें भूचाल, बाढ़ और सोका जैसी आफ़ते शामिल है।

मनुष्य द्वारा आफत – ऐसी घटनाओं के लिए मनुष्य ही जिम्मेवार होता है। यह मनुष्य की लापरवाही के कारण ही होती है। इसमें कुदरत का कोई भी रोल नहीं होता। इससे भी बहुत जानी और माली नुकसान होता है।

Natural Disaster Essay In Hindi

प्राकृतिक आपदा कितने प्रकार की होती है?

प्राकृतिक आपदा कई प्रकार की हो सकती। हम आपको सभी प्राकृतिक आपदा के नाम बताने वाले है।

  1. भूकंप (Earth-Quake)
  2. सुनामी (Sunami)
  3. सोका (Drought)
  4. बाढ़ (Floods)
  5. चक्रवात (Cyclones)
  6. भूस्खलन (Landslides)

तो यह तो थी कुदरत के द्वारा पैदा होने वाली आपदाये।तो आइये जानते है इनको पूरा डिटेल से कि यह आपदा क्या है और कैसे फैलती है।

  • भूकंप – जब भी धरती की निचली सतह पर कोई हलचल होती है तो इसे हम भूकंप कह सकते है। यह पृथ्वी की भीतर की हलचल से पैदा होता है। यह पूरी तरह से कुदरत के द्वारा ही होता है, इसके पीछे मनुष्य का कोई भी हाथ नहीं होता है। यह बहुत अधिक नुकसान करता है। भूकंप की कंबनी (Vibration) को हम सिस्मोग्राफ से नाप सकते है। आपको बतादे कि अब तक कोई भी ऐसा यंत्र नहीं बना है। जो भूकंप आने से पहले हमें सूचित कर सके।
  • सुनामी – यह भी कुदरती आफत है, जो कि समुंदर में पैदा होती है। यह पानी की ऊंची ऊंची लहरें होती है जो कि लगभग 100 फ़ीट तक की ऊंचाई तक मर कर सकती है। भारत में कई जगह पर सुनामी आती है। यह जानी और माली दोनों तरह का नुकसान करती है।
  • सोका – इसे हम ऐसे हम समझ सकते है कि जिस जगह पर पानी की कमी होती है। उस जगह पर ऐसी आपदा पैदा होती है। यह वह क्षेत्र होते है, जिसमें बहुत ही कम मात्रा में बरसात होती है। यह सोका (Drought) कई दिनों से लेकर कई सालों तक चल सकता है। इसके कारण कई पानी के स्रोतों में से पानी की कमी हो जाती है। भारत में ऐसे कुछ प्रांत पाए जाते है जिनमें सोका का जयादा प्रकोप देखने को मिलता है, जैसे कि राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तामिलनाडू और झारखंड आदि इसकी सबसे अधिक मार में आते है। यह वृक्षों की कटाई, उद्योगीकरण के कारण ही होते है।
Drought Image – Natural Disaster Essay In Hindi
  • बाढ़ – कहते है कहीं सुका सुका और कहीं पानी पानी है। बाढ़ को हम हर जगह पर पानी पानी बिखरा हुआ कह सकते है। यह किसी इलाके में अधिक मात्रा में बारिश का होना है। यह बारिश जब निरंतर कई दिनों तक चलती है तो इसके कारण बाढ़ आने की संभावना जयादा होती है। भारत में उत्तराखंड राज्य में सबसे ज्यादा बाढ़ आते है। यह बाढ़ वहाँ के लोगों के घरों को बहुत ही नुकसान पहुंचाते है। यह जयादा वनों की कटाई, सड़कों का निर्माण, जल मार्गों का प्रबंध न होना आदि कारणों की वजह से ही यह आपदा होती है।
Floods Image – Natural Disaster Essay In Hindi
  • चक्रवात – यह एक तरह का अंडाकार गोले जैसा होता है। यह मिटटी और तरह के पद्रार्थों से मिलकर पैदा होता है। इसका दायीरा 50 Km से लेकर 300 Km तक का होता है। इसमें वायु की रफ़्तार 120 Km फ्री घंटा से बढ़कर 250 Km फ्री घंटा होती है। भारत में यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर पैदा होता है। यह सागरों के ऊपर ही अधिक ताकतवर साबित होता है। जब यह वहाँ से आगे बढ़ते है तो इनका प्रकोप थोड़ा कम नज़र आता है। इसके कारण किसी इलाके में बादल और भारी बरसात होती है।
  • भूस्खलन – यह किसी पहाड़ी इलाके में किसी चट्टान का खिसने के कारण नीचे गिरने को हम भूस्खलन कह सकते है। भूस्खलन कुछ तो कम गति वाले होते है दूसरी तरफ यह 300 Km प्रति घंटा की रफ़्तार के साथ आते है। यह बहुत अधिक नुकसान करते है। इनको उत्तरी और उत्तरी पूर्वी भारत में देखने को मिलते है। भूस्खलन अधिकतर भारी बरसात, बाढ़, चक्रवात और पहाड़ी इलाकों में जंगलों की सफाई के कारण ही पैदा होते है।
Landslides Image – Natural Disaster Essay In Hindi

मनुष्य द्वारा होने वाली प्राकृतिक आपदा के नाम इस तरह है।

  • भूपाल गैस दुखांत
  • चर्नोबिल परमाणु दुखांत
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प्राकृतिक आपदा से बचने के उपाय

प्राकृतिक आपदा एक ऐसी अनचाही घटना होती है। जिसे हम रोक तो नहीं सकते लेकिन इससे बचने के उपाय हम कर सकते जिससे हम अपने जान और माल का नुकसान को थोड़ा सा कम कर सके। यह हमें केंद्रीय, राज्य और ज़िला सत्तर पर करना चाहिए। इसको हम अपने घरों के दौरान भी कर सकते है। आज हम आपको प्राकृतिक आपदा पर निबंध में भूकंप, बाढ़ और कई तरह की प्राकृतिक आपदा से बचने के कुछ उपाय बताने जा रहा हूँ।

  1. संचार –  यह किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने का सबसे आसान तरीका है। क्योंकि जब भी किसी जगह पर कोई भी प्राकृतिक आपदा होती है तो इसके बारे में सबसे पहले हमें संचार साधनों की मदद से ही सुचना प्रापत होती है। इससे हम होने वाले नुकसान को कम कर सकते है, क्योंकि हमें प्राकृतिक आपदा का पता चल जाता है।
  2. मौसम की जानकारी – यह हमें प्राकृतिक आपदा से बचने का एक नया राश्ता बताता है। क्योंकि इससे हम मौसम की जानकारी पहले पता होने से हम कोई भी ऐसा काम आरंभ नहीं करते है जिससे हमें कोई भी नुकसान हो। भारत का Insat नाम का उपग्रह हमें मौसम की जानकारी देता रहता है।

मनुष्य की प्राकृतिक आपदा जैसे – बाढ़, चक्रवात, भूकंप और सुनामी में क्या क्या प्रकिर्या होती है अपना और दूसरों का बचाव करने में।

  • भूकंप के समय आदमी की भूमिका – जब कोई भूकंप आता है तो बाहर की ओर न भागे। अपने परिवार के सभी सदस्यों को अपने घर के भीतर ही रखे। उनको टेबल या किसी और मजबूत चीज के नीचे छुपा दे और अगर घर पर कोई बीमार आदमी हो तो उसके ऊपर किसी पलंग को रख दे। अगर घर से बाहर हो तो बिजली के खम्बों और ऐसी ऊंची इमारतों से दूर रहे जिनके गिर जाने का खतरा होता है।
  • घरों में बचाव – जब हम अपने घरों में होते है तो अपने घर में चल रही किसी भी प्रकार की आग को बुझा दे, गैस सिलेंडर और हीटर को भी बंद कर दे। अगर आग बंद न हो और आग घर में लग जाये तो जल्दी जल्दी घर से बाहर निकल जाये। गैस के रिसाव को बंद करने के बाद भी अगर इसका प्रकोप हो तो फिर भी घर से बाहर चले जाये। ऐसी स्थिति में पानी को संभाल कर रखे। अपने घर में आपने जो भी जानवरों को रखा है उनको खुला छोड़ दे।
  • बाढ़ के समय आदमी की भूमिका – इस तरह की प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए आपको सूचित रहना आवश्यक है। आप इसके लिए टेलीविज़न और रेडियो पर ऐसी ख़बरों को देख सकते है। जिससे आपको बाढ़ आने की सुचना पहले मिल सके। ऐसे में आप अपने घर के सामान जिनमें आपके कपड़ों को इलावा ऐसा सामान हो जिसकी आपको अधिक जरूरत हो। उसे पानी की मार से दूर रखे। यदि आपको ऐसी हालत में अपना घर छोड़ना पड़े तो अपने घर के सभी दरवाजे और खिड़कियाँ को बंद कर दे, ताकि आपके घर में पानी न जा सके। अपने घर की बिजली का कनेक्शन बंद कर दे। ऐसी जगह पर मत जाये जो कि बाढ़ से प्रभावित इलाके है।
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अंतिम शब्द प्राकृतिक आपदा पर निबंध 

तो दोस्तों, हम अपने इस आर्टिकल को यहीं पर ख़तम करते है। हमने आपको इस पोस्ट में Natural Disaster Essay In Hindi के बारे में बताया है। हमने आपको इस निबंध में Natural Disaster से बचने के उपाय, यह कैसे फैलते है और Natural Disaster कितने प्रकार के होते है। सबके बारे में पूरी जानकारी दी, तो अगर आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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